ऊतकीय तकनीकों पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम विवरण:
ऊतक प्रसंस्करण (टिश्यू प्रोसेसिंग) वह प्रक्रिया है जिसके तहत पशु या मानव ऊतक को संरक्षित करने से लेकर इसे पूरी तरह से एक उपयुक्त पैराफिन वैक्स से भरने तक के चरणों को शामिल किया जाता है, ताकि इसे माइक्रोटोम मशीन पर काटने के लिए तैयार किया जा सके। पशु या मानव शरीर से लिए गए ऊतक को सूक्ष्मदर्शी अध्ययन (रोग निदान) के लिए हिस्टोलॉजी प्रयोगशाला में प्रोसेस किया जाता है ताकि माइक्रोस्कोप में देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी स्लाइड्स तैयार की जा सकें। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य आजकल हिस्टोलॉजी प्रयोगशालाओं में संचालित किए जाने वाले सबसे सामान्य ऊतक प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों के उचित अनुप्रयोग पर चर्चा करना और त्रुटिपूर्ण तरीके से प्रोसेस किए गए ऊतकों के समाधान के दिशानिर्देश प्रदान करना है।
Tissue processing describes the steps required to take animal or human tissue from fixation to the state where it is embedded with a suitable histological wax for section cutting on the microtome to produce microscopic slides that are viewed under the microscope. The technique will help in processing of the collected tissues, whether in biopsies or larger specimens removed at surgery, or tissues from autopsy to diagnose infections, cancer, and diseases. The purpose of this course is to discuss the appropriate application of the most common tissue processing steps utilized in today's histology and pathological laboratory and provide troubleshooting guidelines for tissue that has been improperly processed.
पाठ्यक्रम के लाभ:
यह तकनीक ऊतकों को प्रोसेस करने में मदद करेगी, चाहे वे बायोप्सी या सर्जरी के दौरान हटाए गए बड़े नमूने हों या शवविच्छेदन से प्राप्त ऊतक। ऊतकीय तकनीकों का उपयोग संक्रमण, कैंसर और अन्य रोगों के निदान में किया जा सकता है।
लक्ष्य:
1: ऊतक प्रोसेसिंग में शामिल चरणों और प्रक्रियाओं में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न रसायनों का विवरण करना।
2: पारंपरिक ऊतक प्रोसेसिंग में उपयोग किए जाने वाले सामान्य रसायनों और उनके ऊतकों पर प्रभाव की पहचान करना।
3: ऊतक प्रोसेसिंग में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के संचालन पर व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्राप्त करना।
4: प्रोसेसिंग को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की पहचान करना और यह तुलना करना कि ऊतक के विभिन्न प्रकारों के लिए अलग-अलग प्रोसेसिंग चक्रों की आवश्यकता क्यों होती है।
पाठ्यक्रम के अपेक्षित परिणाम:
यह पाठ्यक्रम ऊतक प्रोसेसिंग के ज्ञान को प्रदान करेगा और पशु और मानव रोग निदान के क्षेत्र में रोजगार के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करेगा।
पाठ्यक्रम की रूपरेखा:
कक्षाएं सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार: 01 व्याख्यान और 02 प्रायोगिक कक्षाएं प्रतिदिन
1: ऊतकों को एकत्रित, संरक्षित और सूक्ष्मदर्शी अध्ययन के लिए प्रोसेस करने की प्रक्रिया करना।
2: प्रोसेसिंग और सूक्ष्मदर्शी परीक्षा के लिए उपकरणों से परिचय करना।
3: पशु ऊतकों का उचित संग्रहण और स्थिरीकरण करने की विधि।
4: ऊतक को प्रोसेस करने के लिए डीहाइड्रेशन, क्लीयरिंग और इनफिल्ट्रेशन की विधि।
5: प्रोसेस किए गए ऊतकों का पैरेफिन या अन्य पदार्थों में एम्बेडिंग करना और ब्लॉक बनाना।
6: माइक्रोटोम का उपयोग करके सूक्ष्मदर्शी परीक्षण के लिए पतले ऊतक अनुभाग तैयार करना।
7: हेमाटॉक्सिलिन और ईओसिन स्टेन तैयार करना और ऊतक अनुभागों पर उनका प्रयोग करना।
8: स्टेन किए गए ऊतक अनुभागों का सूक्ष्मदर्शी परीक्षण और परिणामों की व्याख्या करना।
पाठ्यक्रम अवधि: 1 महीना
योग्यता: 12वीं पास
पंजीकरण शुल्क: सामान्य/ओबीसी और अन्य @200/- तथा एससी एवं एसटी @100/-
पाठ्यक्रम शुल्क: 5000/-
पाठ्यक्रम निदेशक
नाम | पद का नाम | ईमेल | पता |
---|---|---|---|
डॉ. आदित्य कुमार | सह प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष, पशु शरीर रचना विभाग, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय | dradityakumar10@gmail.com | रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, नौनेर, दतिया परिसर (म.प्र.) |
पाठ्यक्रम समन्वयक
नाम | पद का नाम | ईमेल | पता |
---|---|---|---|
डॉ. अमित सिंह बिसेन | सहायक प्राध्यापक प्रोफेसर, पशु शरीर रचना विभाग, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय | amitvishen56@gmail.com | रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, नौनेर, दतिया परिसर (म.प्र.) |