Remote Sensing and Geographical Information System

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पाठ्यक्रम विवरण:

1:  यह पाठ्यक्रम भौगोलिक सूचना प्रणालीए रिमोट सेंसिंगए जीपीएस आदि से संबंधित कौशल और वानिकीए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में इन नई प्रणालियों के अनुप्रयोगों को प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
2:  अनुभव संकायों के एक समूह द्वारा आरएस और जीआईएस से संबंधित सॉफ्टवेयर और उपकरणों से सुसज्जित अच्छी तरह से सुसज्जित कंप्यूटर प्रयोगशाला में प्रशिक्षु को आरएस और जीआईएस पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
3:  यह सर्टिफिकेट कोर्स इलाकेए जल विज्ञानए कृषिए वनस्पति और छवि विश्लेषण के साथ.साथ डिजिटल और विषयगत मानचित्रण से संबंधित भौगोलिक अनुसंधान के पहलुओं को भी कवर करेगा।

पाठ्यक्रम के लाभ

यह पाठ्यक्रम अत्याधुनिक भू.स्थानिक प्रौद्योगिकियों की व्यापक समझ प्रदान करता है। प्रतिभागियों को नवीनतम रिमोट सेंसिंग और जीआईएस सॉफ्टवेयर और टूल्स के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा। यह पाठ्यक्रम नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान करता है। रिमोट सेंसिंग और जीआईएस में विशेषज्ञता वाले पेशेवरों की पर्यावरण प्रबंधनए शहरी नियोजनए कृषि और आपदा प्रबंधन सहित कई क्षेत्रों में उच्च मांग है। सीखे गए कौशल को कई प्रकार के विषयों में लागू किया जा सकता है। उदाहरण के लिएए जीआईएस का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य में बीमारी के प्रकोप को ट्रैक करने के लिएए परिवहन में मार्गों को अनुकूलित करने के लिए और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में पर्यावरणीय परिवर्तनों की निगरानी के लिए किया जाता है। इस पाठ्यक्रम में नामांकन करने से क्षेत्र के पेशेवरों और विशेषज्ञों से जुड़ने का अवसर मिलता है। इन कनेक्शनों से सहयोगए परामर्श के अवसर और करियर में वृद्धि हो सकती है।

उद्देश्य:

1: रिमोट सेंसिंग और जीआईएस की बुनियादी समझ और अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनके अनुप्रयोग प्रदान करना।
2: सभी विषयों में भू.स्थानिक प्रौद्योगिकी की प्रासंगिकता पर शिक्षार्थियों के बीच अंतर्दृष्टि कौशल विकसित करना।
3: वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने में जीआईएस और रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग पर छात्रों के व्यावहारिक कौशल का विकास करना।

पाठ्यक्रम के अपेक्षित परिणाम:

1: यह पाठ्यक्रम छात्रों को बुनियादी रिमोट सेंसिंग और जीआईएस विश्लेषण करने में सक्षम बनाएगा।
2: छात्र आर्कजीआईएसए क्यूजीआईएस और ईआरडीएएस इमेजिन जैसे प्रमुख सॉफ्टवेयर के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे।

पाठ्यक्रम की रूपरेखा:

साप्ताहिक:  2 व्याख्यान कक्षाएं और 2 प्रायौगिक कक्षाएं।
पाठ्यक्रम अवधि:   3 महीने

व्याख्यान

रिमोट सेंसिंगरू परिचय और इतिहासय विद्युत.चुंबकीय स्पेक्ट्रमरू बुनियादी सिद्धांतए गुण और पृथ्वी की सतह और वायुमंडल के साथ अंतःक्रियाए वर्णक्रमीय हस्ताक्षर और इसकी पहचानय संकल्पय सेंसर और प्लेटफार्मय रिमोट सेंसिंग डेटा उत्पादय छवि प्रसंस्करणरू दृश्य और डिजिटलय सुदूर संवेदन के अनुप्रयोग क्षेत्रण्, जीआईएस का परिचयरू परिभाषाएँ और इतिहासय जीआईएस के घटकय जीआईएस डेटा संरचना और प्रारूपय निर्देशांक तरीकाय डेटाबेस प्रबंधन प्रणालीय स्थानिक डेटा विश्लेषणरू बफरए निकटताए ओवरले और इंटरपोलेशनय जीआई का अनुप्रयोगण्, जीपीएस का परिचय; जीपीएस के मूल तत्व: सिद्धांत, घटक और अनुप्रयोग; दृश्य छवि व्याख्या; भू-संदर्भ; मानचित्रों से सुविधाओं का डिजिटलीकरण; डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग; जीपीएस सर्वेक्षण और मानचित्र तैयार करना

प्रायौगिक

विभिन्न अस्थायी पैमानों की उपग्रह इमेजरी की व्याख्याय डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग.एन्हांसमेंट सिद्धांत और तकनीकय छवि वर्गीकरणय स्थानिक जानकारी की विभिन्न परतों का डिजिटलीकरणय भूमि उपयोगध्भूमि आवरण की तैयारीय जीपीएस डेटा का संग्रह और प्वाइंट मैप तैयार करना

पाठ्यक्रम निदेशक

नामपद का नामईमेलपता
डॉ. पवन कुमारसहायक प्रोफेसर[email protected]उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी

पाठ्यक्रम समन्वयक

नामपद का नामईमेलपता
डॉ. मनमोहन डोबरियालप्राध्यापक, वानिकी विभाग[email protected]उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी
डॉ. पंकज लवानियासंकाय, एसएएफ[email protected]उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी

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Last Updated on: October 29th, 2024 | Visitors: 55542
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