Gardening and Horticulture Ornamental Nursery Management

पाठ्यक्रम विवरण:
यह पाठ्यक्रम युवाओं को उद्यान, पार्क, सार्वजनिक क्षेत्रों और इनडोर बागवानी सहित भूनिर्माण की योजना बनाने, डिजाइन करने और निष्पादित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कार्यक्रम छात्रों को भूदृश्य-चित्रण, शैलियों और प्रकार के भूदृश्य बागवानी, पौधों के चयन, प्रबंधन और संरक्षण के सिद्धांतों और प्रथाओं से परिचित होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करेगा। यह पाठ्यक्रम नर्सरी प्रबंधन प्रथाओं को भी संबोधित करेगा जिसमें नर्सरी बेड की तैयारी, प्रवर्धन तकनीक और हाई-टेक नर्सरी संरचनाएं शामिल हैं। कोर्स पूरा होने पर छात्र एक पेशेवर लैंडस्केप डिजाइनर, सलाहकार और नर्सरी मैनेजर के रूप में काम करने में सक्षम होगा ।
पाठ्यक्रम के लाभ

1: पाठ्यक्रम पूरा होने पर प्रतिभागी भूदृश्य निर्माण प रअपने ज्ञान और प्रशिक्षण को लागू करने में सक्षम होंगे ।
2: सामान्य भू-दृश्य पौधों की पहचान करने में दक्षता हासिल होगी ।
3: शहरी भूदृश्य की योजना बनाने, डिज़ाइन करने और उसे क्रियान्वित करने की व्यावसायिक क्षमता होगी ।
4: भूदृश्य और उद्यान सेटिंग और डिजाइनिंग में प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे ।
5: कीट-पतंगों और बीमारियों की पहचान और उनके प्रबंधन के बारे में जानकारी होगी ।
6: उन्नत नर्सरी तकनीकों में कौशल बढ़ना ।
6: भूनिर्माण और वाणिज्यिक नर्सरी में उद्यमी के रूप में अवसर ।
उद्देश्य:
1: भूनिर्माण और उद्यान डिजाइनिंग की बुनियादी अवधारणाओं पर ज्ञान प्रदान करना ।
2: पौधों के प्रसार के लिए व्यावसायिक नर्सरी की स्थापना पर बुनियादी और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना ।
3: भूनिर्माण और नर्सरी उत्पादन के व्यावसायीकरण में उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देना ।
पाठ्यक्रम के अपेक्षित परिणाम:
यह पाठ्यक्रम उद्यमशीलता और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षुओं को लैंडस्केप गार्डन विकसित करने और नर्सरी चलाने के कौशल से लैस करेगा ।
पाठ्यक्रम की रूपरेखा:
साप्ताहिक: 2 व्याख्यान कक्षाएं और 2 प्रायौगिक कक्षाएं।
पाठ्यक्रम अवधि: 3 महीने
व्याख्यान
विभिन्न प्रकार के उद्यान: डिज़ाइन और ले आउट योजना; उद्यान की विशेषताएं और उसकी देखभाल; रंग योजना; शहरी भूदृश्य- पार्कों, कार्यालयों, अस्पतालों, आवासीय परिसरों, राजमार्गों, हवाईअड्डों, शैक्षणिक संस्थानों, बांध आदि के लिए भूदृश्य की योजना, डिजाइन और प्रबंधन, कुशल जल उपयोग के उपाय; लॉन स्थापना और प्रबंधन; इनडोर भूनिर्माण; नर्सरी उगाने के लिए संरक्षित संरचनाएँ; पौधों के प्रवर्धन के तरीके; कीट एवं रोग प्रबंधन ।
प्रायौगिक
बागवानी उपकरण, उपयोग और उनका रख रखाव; बागवानी में प्रयुक्त पौधे, उनकी पहचान एवं उपयोगिता; बगीचे के विभिन्न घटकों (फूलों की क्यारियाँ, पेर्गोलस, फव्वारे, झाड़ियाँ, टोपरी, हेज, एज, ट्रॉफी आदि) की डिजाइनिंग; विशेष बागवानी अभ्यास (प्रशिक्षण, छंटाई आदि); औपचारिकऔरअनौपचारिक उद्यानों, वर्टिकल उद्यानों, रॉकरी आदि की डिजाइनिंग; लॉन रोपण के तरीके, लॉन का प्रबंधन (निराई, उर्वरकऔर सिंचाई प्रबंधन), लॉन रख रखाव (घास काटना, हवा, घास अलग करना), कीट और रोग प्रबंधन; गमलों का रख रखाव, इनडोर पौधों की उपयुक्तता, प्रदूषण नियंत्रण, पॉटिंग मिश्रण तैयार करना- पौधों की पॉटिंग और रिपोटिंग; प्रवर्धन तकनीकें; पीजीआर का स्टॉक समाधान तैयार करना; बीज क्यारी की तैयारी; प्रोट्रे नर्सरी प्रबंधन; बढ़ता मीडिया; बगीचों और नर्सरी में कीड़ों और बीमारियों की पहचान और उनका प्रबंधन; पौध संरक्षण में उपकरणों का उपयोग ।
पाठ्यक्रम निदेशक
नाम | पद का नाम | ईमेल | पता |
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डॉ. गौरव शर्मा | प्राध्यापक, उद्यानिकी | [email protected] | कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी |
पाठ्यक्रम समन्वयक
नाम | पद का नाम | ईमेल | पता |
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डॉ. प्रियंका शर्मा | सहायक प्राध्यापक, पुष्पविज्ञान एवं भूदृश्य निर्माण | [email protected] | कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी |
डॉ.अर्जुनलाल ओला | सहायक प्राध्यापक, सब्जी विज्ञान | [email protected] | कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी |
डॉ.रंजीत पाल | सहायक प्रोफेसर, फल विज्ञान | [email protected] | कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी |